થોડાં નવા ઇન્દ્રધનુષ
Nothing to hide
ये बस्ती है गुल की, ये तितली के घर हैं
यहां जो भी होगा सरेआम होगा
- मिलिन्द गढवी
Lets take hope with us...
चलो ले चलें एक सूरज की बोरी
नगर में अंधेरों का गोदाम होगा
- मिलिन्द गढवी
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